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17. दिल धड़कने का सबब


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*दिल धड़कने का सबब*
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दिल धड़कने का सबब याद आया,
बैठे बैठे क्या अजब याद आया।

होते आँसू रवां हैं आँखों से,
बेवफ़ा मुझको जब-जब याद आया।

वक़्त के साथ सब बदलता है,
थी कभी उसकी तलब याद आया।

फ़राज़ (क़लमदराज़)
S.N.Siddiqui
@seen_9807

# आधे अधूरे मिसरे/ प्रस

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3 Comments

Gunjan Kamal

16-Jul-2023 01:04 AM

👌👏

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Khushbu

15-Jul-2023 08:55 PM

Nice 👍🏼

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